(19) यदि दयानन्द जी की अविद्या रूपी गांठ ही नहीं कट पायी थी और वह परमेश्वर के सामीप्य से वंचित ही रहकर चल बसे थे तो वह ‘वेद’ को भी सही ढंग से न समझ पाये होंगे?
इतिहासकार बताते हैं कि भारत में तोप मुग़ल और बन्दूक़ अंग्रेज़ लेकर आए। स्वामी जी ने बताया है कि वेद में तोप और बन्दूक़ का ज़िक्र शतघ्नी और भुशुण्डी के नाम से मिलता है। यह एक नई जानकारी है। स्वामी जी के अनुसार आर्यों ने सृष्टि के आदि में अर्थात आज से लगभग 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हज़ार वर्ष पहले ही तोप और बन्दूक़ें बना ली थीं। देखिए उनका वेदार्थ-
‘हे मनुष्यो! तुम लोग सब काल में उत्तम बल वाले हो। किन्तु तुम्हारे (आयुधा) अर्थात् आग्नेयास्त्रादि अस्त्र और (शतघ्नी) तोप (भुशुण्डी) बन्दूक, धनुषबाण और तलवार आदि शस्त्र सब स्थिर हों।’ (ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, ईश्वरस्तुति., पृ.114)
(20) क्या वास्तव में आर्य लोगों ने वेद पढ़कर तोप और बन्दूक़ का अविष्कार आज से लगभग 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हज़ार वर्ष पहले ही कर लिया था?
इतिहासकार बताते हैं कि भारत में तोप मुग़ल और बन्दूक़ अंग्रेज़ लेकर आए। स्वामी जी ने बताया है कि वेद में तोप और बन्दूक़ का ज़िक्र शतघ्नी और भुशुण्डी के नाम से मिलता है। यह एक नई जानकारी है। स्वामी जी के अनुसार आर्यों ने सृष्टि के आदि में अर्थात आज से लगभग 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हज़ार वर्ष पहले ही तोप और बन्दूक़ें बना ली थीं। देखिए उनका वेदार्थ-
‘हे मनुष्यो! तुम लोग सब काल में उत्तम बल वाले हो। किन्तु तुम्हारे (आयुधा) अर्थात् आग्नेयास्त्रादि अस्त्र और (शतघ्नी) तोप (भुशुण्डी) बन्दूक, धनुषबाण और तलवार आदि शस्त्र सब स्थिर हों।’ (ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, ईश्वरस्तुति., पृ.114)
(20) क्या वास्तव में आर्य लोगों ने वेद पढ़कर तोप और बन्दूक़ का अविष्कार आज से लगभग 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हज़ार वर्ष पहले ही कर लिया था?
http://www.mediafire.com/download/ydp77xzqb10chyd/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition.pdf --
डा. अनवर जमाल की पुस्तक "'स्वामी दयानंद जी ने क्या खोजा? क्या पाया?" परिवर्धित संस्करण इधर से डाउनलोड की जा सकती है --
https://archive.org/stream/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-published-book/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition#page/n0/mode/2up
--
पुस्तक युनिकोड में चार पार्ट में इधर भी है
http://108sawal.blogspot.in/2015/04/swami-dayanand-ne-kiya-khoja-kiya-paya.html
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