भारतीय समाज के हालात ऐसे थे, जब स्वामी दयानन्द जी ने जन्म लिया।
स्वामी जी ने स्वकथित जीवनचरित्र में संवत् 1881 विक्रमी में गुजरात के
मोरवी नगर में औदीच्य ब्राह्यण परिवार में अपना जन्म होना बताया है। स्वामी
श्रद्धानन्द जी की पुस्तक ‘आर्यपथिक लेखराम’ पृष्ठ 80 से ज्ञात होता है कि
लेखराम जैसे श्रद्धालुओं ने सन 1892 ई. में मोरवी नगर के साथ टंकारा में
भी स्वयं जाकर ढूंढा लेकिन वे उनका कुल तो क्या, जन्मस्थान तक न ढूंढ पाए।
उन्होंने किस जाति में और कहां जन्म लिया?, इसे कोई नहीं जानता। वास्तव में
उनका जन्म स्थान आज तक अज्ञात है।
नोट प्रकाशित पुस्तक में भी Lekharam पर लिखी पुस्तक के उस पृष्ठ को स्केन करके साथ में दिया गया है
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http://www.mediafire.com/download/ydp77xzqb10chyd/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition.pdf --
डा. अनवर जमाल की पुस्तक "'स्वामी दयानंद जी ने क्या खोजा? क्या पाया?" परिवर्धित संस्करण इधर से डाउनलोड की जा सकती है --
https://archive.org/stream/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-published-book/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition#page/n0/mode/2up
पुस्तक युनिकोड में चार पार्ट में इधर भी है --
http://108sawal.blogspot.in/2015/04/swami-dayanand-ne-kiya-khoja-kiya-paya.html
नोट प्रकाशित पुस्तक में भी Lekharam पर लिखी पुस्तक के उस पृष्ठ को स्केन करके साथ में दिया गया है
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http://www.mediafire.com/download/ydp77xzqb10chyd/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition.pdf --
डा. अनवर जमाल की पुस्तक "'स्वामी दयानंद जी ने क्या खोजा? क्या पाया?" परिवर्धित संस्करण इधर से डाउनलोड की जा सकती है --
https://archive.org/stream/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-published-book/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition#page/n0/mode/2up
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