Wednesday, September 7, 2016

आर्य ज्योतिषियों का फलित भी ग़लत और गणित भी ग़लत

स्वामी जी ने ज्योतिष के फलित को ग़लत और उसके गणित को सही माना है। वह ज्योतिष की काल गणना पर विश्वास करके धोखा खा गए। बाद के वैज्ञानिक अनुसंधानों से पता चला कि जगत और मनुष्य की उत्पत्ति के विषय में आर्य ज्योतिषियों की काल गणना बिल्कुल ग़लत है। स्वामी जी कह रहे हैं कि आर्यों ने एक एक क्षण का हिसाब ठीक से सुरक्षित रखा है लेकिन हक़ीक़त यह है कि आर्यों ने सृष्टि की उत्पत्ति की जो काल गणना की है, उसमें 11 अरब वर्ष  से ज़्यादा की गड़बड़ है।

    वास्तव में स्वामी जी को पता नहीं था कि सितारे और ग्रह कैसे बनते हैं और उन्हें बनने में कितने अरब वर्ष का काल लगता है ?, अपनी ओर से उन्होंने लंबी से लंबी कल्पना कर ली लेकिन सृष्टि की आयु उससे भी कई गुना ज़्यादा निकली और उनका मत झूठा सिद्ध हो गया।



-- --Book Download Link--
http://www.mediafire.com/download/ydp77xzqb10chyd/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition.pdf --
डा. अनवर जमाल की पुस्तक "'स्वामी दयानंद जी ने क्या खोजा? क्या पाया?" परिवर्धित संस्करण इधर से डाउनलोड की जा सकती है --पुस्तक में108 प्रश्न नंबर ब्रेकिट में दिये गए हैं
https://archive.org/stream/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-published-book/swami-dayanand-ji-ne-kiya-khoja-kiya-paya-second-edition#page/n0/mode/2up
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पुस्तक युनिकोड में चार पार्ट में इधर भी है
 http://108sawal.blogspot.in/2015/04/swami-dayanand-ne-kiya-khoja-kiya-paya.html

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